आग Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps June 19, 2012 इक आग धधकती है भीतर कुछ धुआं धुआं सा उठता है जब सामने होता अन्याय तो रुआं रुआं सा उठता है . ---अर्पित अनाम Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps Comments
June 18, 2012 हे प्रभु, मुझे विप्तियाँ प्रदान कर, जिनसे संघर्ष कर मैं अनुभव प्राप्त कर सकूं . -अर्पित अनाम Read more
March 26, 2014 देश का दुर्भाग्य है यह कि इस बार का चुनाव मुद्दों पर नही, मोदी पर लड़ा जा रहा है . Read more
Comments
Post a Comment