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Showing posts from January, 2014
कुछ लोग प्रेम भी युद्धपूर्वक करते हैं और कुछ लोग युद्ध भी प्रेमपूर्वक करते हैं . -अर्पित अनाम  
दिल अपना लगा जब से, दिल नहीं लगता तब से . -अ.अ.
बिन्नी के सवालों का ज़वाब आज तक क्यों नहीं दे पाए केजरीवाल ?
अधूरे गणतंत्र की  अधूरी शुभकामनाएँ
वर्ष 2005 से पहले के जारी किए गए नोट वापस लेने की भारतीय रिज़र्व बैंक घोषणा से देश में ही जमा काला धन बाहर आ सकेगा ...
कुछ लोग सकारात्मक में से भी नकारात्मक ढूंढते हैं और कुछ लोग नकारात्मक में से भी सकारात्मक ढूंढ लेते हैं.   --अर्पित अनाम
आम आदमी शर्म महसूस करने लगा है, जब से "ख़ास आदमी" "आम आदमी" की टोपी लगाने लगा है ।
नियम . अपने लिए और, अपने चहेतों के लिए और, परायों के लिए और . इकलौते ईमानदार की जय हो

आप ठीक थे, पर "आप" गलत है

मेरे एक मित्र कुछ दिनों से मुझे "आप" में शामिल होने के लिए बहुत जोर देर रहे थे । अभी कुछ देनों से तो मुझ पर उनका दबाव बढ़ता ही जा रहा था । मैं उन्हें किसी न किसी बहाने लगातार मना किए जा रहा था । आज मैंने उन्हें फोन कर पूछा, "कब होना है "आप" में शामिल ?" तो उन्होंने कहा, "भाई साहब आप ठीक थे, पर "आप" गलत है, इसमें कभी शामिल मत होना।"