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Showing posts from December, 2010
प्याज रुलाए दूजी बार . पर न गिरे अब सरकार .

अल्पसंख्यक, बहुसंख्यक

अब आतंकवाद के नाम भी अल्पसंख्यक, बहुसंख्यक होने लगे हैं ...

चिन्तक

'चिन्ता' चिता समान है, यह जानते हुए भी कुछ लोग 'चिन्तक' हुआ करते हैं .

हर्जाना भरा जाए

संसद के इस अधिवेशन में देश का डेढ़ अरब रुपया बर्बाद करने पर सांसदों को इसका हर्जाना भरना चाहिए . प्रत्येक सांसद को चाहिए कि वह २५-२५ लाख रुपए सरकारी कोष में जमा कराए .

पीठ क्यों थपथपाई

मुझे एक बात समझ नहीं आई. मनमोहन ने राजा की पीठ क्यों थपथपाई .

धर्म

नेक कर्म धर्म है . बुरा कर्म अधर्म है .

कन्या भ्रूण हत्या

एक नारा यह भी - ''कन्या भ्रूण हत्या बंद करो ।'' टिप्पणी - और बालक भ्रूण हत्या चलने दो क्या  ?