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Showing posts from 2014

व्यायामी बाबा को क्या हो गया है ...

व्यायामी बाबा किस आधार पर कह रहे कि शादी करने से किस्मत जाग जाती जाती है ?

भोले लोग, कोई जो भी कहे मान लेते हैं .

भोले लोग, कोई जो भी कहे मान लेते हैं . . एक 'झूठे' ने अपने आप को सबसे बड़ा ईमानदार बताया और लोगों ने मान लिया. एक 'व्यायामी' ने अपने आप को सबसे बड़ा योगी बताया और लोगों ने मान लिया.
जब किसी भी तरह के सोचने पर कोई  कर नहीं लगता तो सकारात्मक ही क्यों न सोचा जाये
देश का दुर्भाग्य है यह कि इस बार का चुनाव मुद्दों पर नही, मोदी पर लड़ा जा रहा है .
अभी तक तय नहीं हुआ कि 'हवा' कहाँ कहाँ है .

अपमानित करने के ये तरीके

विरोध जताने के लिए स्याही पोतने, जूता फेंकने, चांटा मारने जैसे अपमानित करने के ये तरीके ज़ायज़ नहीं कहे जा सकते ।
बेटा बाप के नक्शे कदम पर चले यह ज़रूरी तो नहीं और पोता दादा के नक्शे कदम पर चले यह तो बिलकुल भी ज़रूरी नहीं
ये सवालों के ज़वाब दूसरों से क्यों पूछ रहे ? कितना अच्छा हो यदि अपने-अपने सवालों के ज़वाब ये ख़ुद ही दे दें ।
राम राम राम विलास पास पास

'अन्ना-ममता' की सोच

देश और समाज के प्रति दो सादे इंसानों  'अन्ना-ममता' की सोच का स्वागत किया जाना चाहिए .

'चिन्तक'

'चिन्ता' चिता समान है, यह जानते हुए भी कुछ लोग 'चिन्तक' हुआ करते हैं .

ईमानदार की परिभाषा

भविष्य में ईमानदार की परिभाषा "कोरा झूठ बोलने वाला" होगी ।
सिद्ध करने का ठेका नहीं हमारे पास, हम तो आरोप लगाना जानते हैं बस. . सनसनीवाल
अगला चुनाव  चाय के मुद्दे पर होगा क्या ?

बाबाओं के अपार धन का खुलासा

बाबाओं के अपार धन का खुलासा या तो जेल जाने पर होता है या ...

सत्ता के लालच में

केजरीवाल ने सत्ता के लालच में एक बहुत बड़े आन्दोलन का सत्यानाश कर दिया .

'स्वराज' के नाम पर

कुछ लोगों ने 'स्वराज' के नाम पर हमसे छल किया है .
भारत रत्न वोट के लिए दिया गया ?
यह टीवी वाले भी बहस तो बहुत करते कराते रहते हैं, किन्तु कभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचते पहुंचाते. और जाते-जाते फिर सवाल छोड़ जाते हैं ...
केजरी वाल पहले शीला को तो जेल में डाल
कुछ लोग प्रेम भी युद्धपूर्वक करते हैं और कुछ लोग युद्ध भी प्रेमपूर्वक करते हैं . -अर्पित अनाम  
दिल अपना लगा जब से, दिल नहीं लगता तब से . -अ.अ.
बिन्नी के सवालों का ज़वाब आज तक क्यों नहीं दे पाए केजरीवाल ?
अधूरे गणतंत्र की  अधूरी शुभकामनाएँ
वर्ष 2005 से पहले के जारी किए गए नोट वापस लेने की भारतीय रिज़र्व बैंक घोषणा से देश में ही जमा काला धन बाहर आ सकेगा ...
कुछ लोग सकारात्मक में से भी नकारात्मक ढूंढते हैं और कुछ लोग नकारात्मक में से भी सकारात्मक ढूंढ लेते हैं.   --अर्पित अनाम
आम आदमी शर्म महसूस करने लगा है, जब से "ख़ास आदमी" "आम आदमी" की टोपी लगाने लगा है ।
नियम . अपने लिए और, अपने चहेतों के लिए और, परायों के लिए और . इकलौते ईमानदार की जय हो

आप ठीक थे, पर "आप" गलत है

मेरे एक मित्र कुछ दिनों से मुझे "आप" में शामिल होने के लिए बहुत जोर देर रहे थे । अभी कुछ देनों से तो मुझ पर उनका दबाव बढ़ता ही जा रहा था । मैं उन्हें किसी न किसी बहाने लगातार मना किए जा रहा था । आज मैंने उन्हें फोन कर पूछा, "कब होना है "आप" में शामिल ?" तो उन्होंने कहा, "भाई साहब आप ठीक थे, पर "आप" गलत है, इसमें कभी शामिल मत होना।"