बन्दा उम्र बढ़ने के साथ-साथ व्यवहारिक हुआ जाता है
भावुकता पीछे छूटने लगती है
अनुभव की ठोकरें सिखा-सिखा कर परिपक्व बना देती हैं ।
-अर्पित अनाम

Comments

Popular posts from this blog