कुछ लोग दूसरों से तो भरपूर मजाक कर लेते हैं
किन्तु यदि कोई उनसे मजाक करने की गुस्ताखी कर बैठे तो वे गाली गलोच तक पर उतर आते हैं .
ऐसा क्यों ?
यदि हम मजाक सह नहीं सकते तो करते क्यों हैं ?
चुनाव में पैसा प्रधान हो गया है । शराफत, ईमानदारी पीछे छूट गई है । ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि शरीफों में बिखराव है । यदि शरीफ एकजुट हो जाएं तो निश्चित ही शराफत, ईमानदारी की कीमत बढ़ जाए ।
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