आग Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps June 19, 2012 इक आग धधकती है भीतर कुछ धुआं धुआं सा उठता है जब सामने होता अन्याय तो रुआं रुआं सा उठता है . ---अर्पित अनाम Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
व्यायामी बाबा को क्या हो गया है ... April 26, 2014 व्यायामी बाबा किस आधार पर कह रहे कि शादी करने से किस्मत जाग जाती जाती है ? Read more
स्वतंत्रता May 24, 2016 हर व्यक्ति को ऐसा व्यक्तिगत निर्णय लेने की स्वतंत्रता चाहिए, जिससे किसी दूसरे व्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन न हो । Read more
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