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धड़कन बन के आजा

कहां है कहां है तू ये तो बता जा सुरीली सी धुन में कोई गीत गा जा अदाएं नशीली सी जब आएं मन में ख़ाबों की यादें वो लगती खटकने वो मोहिनी सी सूरत तू आ के दिखाजा सुरीली सी धुन में कोई गीत गा जा हैं सूनी ये राहें बिना तेरे दिलबर मैं गिरता ही जाता हूँ बिन तेरे पल-पल दे सदा हाय मुझको या खुद पास आजा सुरीली सी धुन में कोई गीत गा जा वो तेरी सदा थी तू मेरी मैं क्या हूँ ये वो राज़ है जिसपे 'अर्पित' हुआ हूँ दिल बनके आऊँ धड़कन बन के आजा सुरीली सी धुन में कोई गीत गा जा                                          -अर्पित अनाम
उनकी बला से, दूसरा चाहे मरे चाहे जिए मजबूरियों का फायदा, उनसे उठाना सीखिए आता नहीं हमको नजर शहतीर अपनी आंख का क्यों दूसरों की आंख में तिनका सदा ढूंढा किये उनके सिवा सब हैं बुरे, सारे जहाँ में देख लो कहने का उनके हर यही मतलब निकलता किसलिए क्या दमन होगा इससे ज्यादा, बोलने पर रोक है फरियाद किससे और कैसे क्या किये रे क्या किये तू सोचले 'अर्पित' मिलेगा ये सिला ही हर तरफ बदनामियाँ ही आयेंगी हिस्से, भला जितना किये
to ye petant
एलेक्स को चाहिए कि अपने दिवगंत सुरक्षा कर्मी के घर जाकर सांत्वना दे और सहयोग करे .
in aankhon mein mere jaisi ye do moorten hain kis-kis ki, zra ye to bta ik to main hun teri ik aankh mein dooji mein kaun 'arpit' hai mere siwa.