निराशाजनक व्यवस्था Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps June 13, 2009 भारत की वर्तमान व्यवस्था बहुत ही निराशाजनक हो गई है । सारी शक्ति ऊपर बैठे चंद हाथों में सिमट कर रह गई है । नीचे बैठे लोग अक्सर ज्यादती का शिकार होते रहते हैं और कुछ नहीं कर पाकर मन मसोस कर रह जाते हैं। आख़िर कब तक होगा ऐसा ? Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps Comments
June 18, 2012 हे प्रभु, मुझे विप्तियाँ प्रदान कर, जिनसे संघर्ष कर मैं अनुभव प्राप्त कर सकूं . -अर्पित अनाम Read more
March 26, 2014 देश का दुर्भाग्य है यह कि इस बार का चुनाव मुद्दों पर नही, मोदी पर लड़ा जा रहा है . Read more
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