निराशाजनक व्यवस्था Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps June 13, 2009 भारत की वर्तमान व्यवस्था बहुत ही निराशाजनक हो गई है । सारी शक्ति ऊपर बैठे चंद हाथों में सिमट कर रह गई है । नीचे बैठे लोग अक्सर ज्यादती का शिकार होते रहते हैं और कुछ नहीं कर पाकर मन मसोस कर रह जाते हैं। आख़िर कब तक होगा ऐसा ? Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
स्वतंत्रता May 24, 2016 हर व्यक्ति को ऐसा व्यक्तिगत निर्णय लेने की स्वतंत्रता चाहिए, जिससे किसी दूसरे व्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन न हो । Read more
चुनाव में पैसा प्रधान September 07, 2009 चुनाव में पैसा प्रधान हो गया है । शराफत, ईमानदारी पीछे छूट गई है । ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि शरीफों में बिखराव है । यदि शरीफ एकजुट हो जाएं तो निश्चित ही शराफत, ईमानदारी की कीमत बढ़ जाए । Read more
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